-
1 वशका
vaṡakāf. an obedient wife L.
-
2 वशकारक
váṡa-kārakamfn. leading to subjection Pañcat.
-
3 वशक्रिया
váṡa-kriyāf. the act of subduing orᅠ bewitching (esp. by charms, incantations, drugs, gems) L. ;
the charms etc. so used MW.
-
4 वशका _vaśakā
वशका An obedient wife. -
5 अश्वशक
áṡva-ṡakán. excrements of a horse, ṠBs. VI.
-
6 अश्वशकृत्
áṡva-ṡakṛitn. id. KātyṠr. ;
f. N. of a river Hariv. 6445.
-
7 देवशक्ति
devá-ṡaktim. « having divine strength»
N. of a king Pañc.
-
8 सर्वशक्
sárva-ṡakmfn. all-powerful, ominpotent MW.
-
9 सर्वशक्ति
sárva-ṡaktif. entire strength (- tyā ind., « with all one's might») MBh. ;
power of accomplishing all Jam
-
10 सर्वशक्तिवत्
sárva-ṡakti-vatmfn. almighty MW.
-
11 स्वशक्ति
sva-ṡaktisvá-ṡaktif. own power orᅠ strength Mn. IX, 298 ;
own energy (of a god) BhP. ;
(yā) ind. to the best of one's ability Pañcat. Siṇhâs.
-
12 सर्व
sárvamf (ā)n. (perhaps connected with sāra q.v.;
inflected as a pronoun except nom. acc. sg. n. sarvam, andᅠ serving as a model for a series of pronominals cf. sarva-nāman) whole, entire, all, every (m. sg. « every one» ;
pl. « all» ;
n. sg. « everything» ;
sometimes strengthened by viṡva <which if alone in RV. appears in the meaning « all», « every», « every one» > andᅠ nikhila;
sarve
pi, « all together» ;
sarvaḥko
pi, « every one so ever» ;
gavāṉsarvam, « all that comes from cows» ;
sarva with a negation = « not any», « no», « none» orᅠ « not every one», « not everything») RV. etc. etc.;
of all sorts, manifold, various, different MBh. etc.;
(with another adjective orᅠ in comp.;
cf. below) altogether, wholly, completely, in all parts, everywhere RV. ChUp. etc.;
(am) ind. (with sarveṇa) completely Divyâ̱v. ;
m. (declined like a subst.) N. of Ṡiva MBh. ;
of Kṛishṇa Bhag. ;
of a Muni Cat. ;
pl. N. of a people MārkP. ;
n. water Naigh. I, 12. ;
+ cf. Gk. ὅλος for ὁλγγος
Lat. salvus
- सर्वंसह
- सर्वंहर
- सर्वकर
- सर्वकर्तृ
- सर्वकर्मन्
- सर्वकर्मीण
- सर्वकाञ्चन
- सर्वकाम
- सर्वकामिक
- सर्वकामिन्
- सर्वकाम्य
- सर्वकारक
- सर्वकारण
- सर्वकारिन्
- सर्वकाल
- सर्वकालिकागम
- सर्वकालीना
- सर्वकाषम्
- सर्वकृच्छ्र
- सर्वकृत्
- सर्वकृष्ण
- सर्वकेश
- सर्वकेशक
- सर्वकेशिन्
- सर्वकेसर
- सर्वक्रतु
- सर्वक्षत्रियमर्दन
- सर्वक्षय
- सर्वक्षार
- सर्वक्षित्
- सर्वक्षितिपतित्व
- सर्वक्षेत्रतीर्थमाहात्म्य
- सर्वग
- सर्वगण
- सर्वगत
- सर्वगति
- सर्वगन्ध
- सर्वगन्धिक
- सर्वगम्भीर
- सर्वगवी
- सर्वगात्र
- सर्वगामिन्
- सर्वगायत्र
- सर्वगिल
- सर्वगु
- सर्वगुण
- सर्वगुणिन्
- सर्वगुरु
- सर्वगुब्यगृह्य
- सर्वग्रन्थि
- सर्वग्रन्थिक
- सर्वग्रह
- सर्वग्रास
- सर्वंकष
- सर्वचक्रविचार
- सर्वचक्रा
- सर्वचण्डाल
- सर्वचन्द्र
- सर्वचरित
- सर्वचरु
- सर्वचर्मीण
- सर्वचारिन्
- सर्वचोहन्दक
- सर्वज
- सर्वजगत्
- सर्वजट
- सर्वजन
- सर्वजनीन
- सर्वजनीय
- सर्वजन्मन्
- सर्वजय
- सर्वजागत
- सर्वजित्
- सर्वजीव
- सर्वजीविन्
- सर्वज्ञ
- सर्वज्ञातृ
- सर्वज्ञान
- सर्वज्ञीय
- सर्वज्यानि
- सर्वज्योतिषसंग्रह
- सर्वज्योतिस्
- सर्वज्वर
- सर्वतथागत
- सर्वतनु
- सर्वतनू
- सर्वतन्त्र
- सर्वतपोमय
- सर्वतमोनुद
- सर्वतर
- सर्वतस्
- सर्वता
- सर्वताति
- सर्वतापन
- सर्वतिक्ता
- सर्वतीक्ष्ण
- सर्वतीर्थ
- सर्वतूर्यनिनादिन्
- सर्वतेजस्
- सर्वत्याग
- सर्वत्रैष्टुभ
- सर्वत्व
- सर्वथा
- सर्वद
- सर्वदण्डधर
- सर्वदमन
- सर्वदर्शन
- सर्वदर्सिन्
- सर्वदा
- सर्वदातृ
- सर्वदान
- सर्वदास
- सर्वदाह
- सर्वदिग्विजय
- सर्वदिङ्मुखम्
- सर्वदुखक्षय
- सर्वदुष्टान्तकृत्
- सर्वदृश्
- सर्वदेव
- सर्वदेवत
- सर्वदेवत्य
- सर्वदेशवृत्तान्तसंग्रह
- सर्वदेशीय
- सर्वदेश्य
- सर्वदैवत्य
- सर्वद्रव्य
- सर्वद्रुह्टृ
- सर्वद्वारिक
- सर्वधन
- सर्वधनिन्
- सर्वधन्विन्
- सर्वधर
- सर्वधर्मन्
- सर्वधा
- सर्वधामन्
- सर्वधारिन्
- सर्वधारी
- सर्वध्न्रावह
- सर्वधुरीण
- सर्वनक्षत्रेष्टि
- सर्वनर
- सर्वनामन्
- सर्वनाश
- सर्वनाशिन्
- सर्वनिक्षेपा
- सर्वनिधन
- सर्वनियन्तृ
- सर्वनियोजक
- सर्वनिराकृति
- सर्वनिलय
- सर्वनिवरणविष्कम्भिन्
- सर्वंदद
- सर्वंदम
- सर्वंदमन
- सर्वपट्टमर
- सर्वपति
- सर्वपत्त्रीण
- सर्वपथ
- सर्वपथीन
- सर्वपद्
- सर्वपद
- सर्वपद्दति
- सर्वपरिफुल्ल
- सर्वपरुस्
- सर्वपरोक्ष
- सर्वपशु
- सर्वपा
- सर्वपाञ्चालक
- सर्वपात्रीण
- सर्वपाद
- सर्वपापरोगहरशतमानदान
- सर्वपापहर
- सर्वपारशव
- सर्वपार्श्वमुख
- सर्वपार्षद
- सर्वपालक
- सर्वपावन
- सर्वपुण्य
- सर्वपुरक्षेत्रमाहात्म्य
- सर्वपुराण
- सर्वपुराणसार
- सर्वपुराणार्थसंग्रह
- सर्वपुरुष
- सर्वपूर्
- सर्वपूजित
- सर्वपूत
- सर्वपूरक
- सर्वपूर्ण
- सर्वपूर्तिकरस्तव
- सर्वपूर्व
- सर्वपृथ्वीमय
- सर्वपृष्ठ
- सर्वप्रकार
- सर्वप्रत्यक्ष
- सर्वप्रत्ययमाला
- सर्वप्रथमम्
- सर्वप्रद
- सर्वप्रभु
- सर्वप्रयत्न
- सर्वप्राण
- सर्वप्राप्ति
- सर्वप्रायश्चित्त
- सर्वप्रायश्चित्ति
- सर्वप्रायश्चित्त्य
- सर्वप्रिय
- सर्वफलत्यागचतुर्दशी
- सर्वबन्धविमोचन
- सर्वबल
- सर्वबाहु
- सर्वबाह्य
- सर्वबीज
- सर्वबुद्ध्स्
- सर्वभक्ष
- सर्वभक्षिन्
- सर्वभक्ष्य
- सर्वभट्ट
- सर्वभयंकर
- सर्वभवारणि
- सर्वभवोत्तारण
- सर्वभाज्
- सर्वभाव
- सर्वभावन
- सर्वभास
- सर्वभुज्
- सर्वभूत
- सर्वभूमि
- सर्वभृत्
- सर्वभोगिन्
- सर्वभोगीण
- सर्वभोग्य
- सर्वभौम
- सर्वमङ्गल
- सर्वमण्डलसाधनी
- सर्वमनोरम
- सर्वमन्त्रशापविमोचन
- सर्वमन्त्रोत्कीलन
- सर्वमन्त्रोत्कीलनशापविमोचनस्तोत्र
- सर्वमन्त्रोपयुक्तपरिभाषा
- सर्वमय
- सर्वमलापगत
- सर्वमहत्
- सर्वमही
- सर्वमंसाद
- सर्वमागधक
- सर्वमातृ
- सर्वमात्रिकापुष्पाञ्जलि
- सर्वमात्रा
- सर्वमान्यचम्पू
- सर्वमाय
- सर्वमारमण्डलविध्वंसनकरी
- सर्वमारमणडलविध्वंनज्ञानमुद्रा
- सर्वमित्र
- सर्वमुख
- सर्वमूर्ति
- सर्वमूर्धन्य
- सर्वमूल्य
- सर्वमूषक
- सर्वमृत्य
- सर्वमेध
- सर्वमेध्य
- सर्वम्भरि
- सर्वयज्ञ
- सर्वयत्न
- सर्वयन्त्रिन्
- सर्वयमक
- सर्वयोगिन्
- सर्वयोनि
- सर्वयोषित्
- सर्वरक्षण
- सर्वरक्षित
- सर्वरक्षिन्
- सर्वरत्न
- सर्वरत्नक
- सर्वरथा
- सर्वरस
- सर्वराज्
- सर्वराजेन्द्र
- सर्वराज्य
- सर्वरात्र
- सर्वरास
- सर्वरुतकौशल्य
- सर्वरुतसम्ग्रहिणिलिपि
- सर्वरूप
- सर्वरूपिन्
- सर्वरोग
- सर्वरोधविरोधसम्प्रशमन
- सर्वरोहित
- सर्वर्तु
- सर्वर्तुक
- सर्वलक्षण
- सर्वलघु
- सर्वलालस
- सर्वलिङ्ग
- सर्वलिङ्गिन्
- सर्वलुण्टाक
- सर्वलोक
- सर्वलोकिन्
- सर्वलोचना
- सर्वलोह
- सर्वलोहित
- सर्वलौह
- सर्ववत्
- सर्ववनि
- सर्ववर्ण
- सर्ववर्णिका
- सर्ववर्णिन्
- सर्ववर्तिका
- सर्ववर्मन्
- सर्ववल्लभ
- सर्ववागीश्वरेश्वर
- सर्ववाङ्निधन
- सर्ववाङ्मय
- सर्ववातसह
- सर्ववादिन्
- सर्ववारम्
- सर्ववार्षिकपर्वन्
- सर्ववास
- सर्ववासक
- सर्ववासिन्
- सर्वविक्रयिन्
- सर्वविक्षेपता
- सर्वविख्यात
- सर्वविग्रह
- सर्वविज्ञान
- सर्वविज्ञानिन्
- सर्वविद्
- सर्वविद्य
- सर्वविनाश
- सर्वविन्द
- सर्वविभूति
- सर्वविश्रम्भिन्
- सर्वविश्व
- सर्वविषय
- सर्वविष्टुतिप्रयोग
- सर्वविहारीययन्त्र
- सर्ववीर
- सर्ववीर्य
- सर्ववृद्ध
- सर्ववेग
- सर्ववेत्तृ
- सर्ववेद
- सर्ववेदस्
- सर्ववेदस
- सर्ववेदसिन्
- सर्ववेदितृ
- सर्ववेदिन्
- सर्ववेषिन्
- सर्ववैदल्यसंग्रह
- सर्ववैनाशिक
- सर्वव्यापद्
- सर्वव्यापिन्
- सर्वव्यूहरतिस्वभावनयसंदर्शन
- सर्वव्रत
- सर्वशक्
- सर्वशक्ति
- सर्वशक्तिवत्
- सर्वशन्का
- सर्वशब्दग
- सर्वशरीर
- सर्वशरीर्यात्मन्
- सर्वशस्
- सर्वशस्त्रिन्
- सर्वशाकुन
- सर्वशान्ति
- सर्वशास
- सर्वशास्त्र
- सर्वशिष्य
- सर्वशीघ्र
- सर्वशुक्ल
- सर्वशुद्धवाल
- सर्वशुभंकर
- सर्वशून्य
- सर्वशूर
- सर्वशेष
- सर्वशैक्यायस
- सर्वशोकविनाशिन्
- सर्वश्राव्य
- सर्वश्रुतिपुराणसारसंग्रह
- सर्वश्रेष्ठ
- सर्वश्वेत
- सर्वसंश्लिष्ट
- सर्वसंसर्गलवण
- सर्वसंस्थ
- सर्वसंस्थान
- सर्वसंहार
- सर्वसंहारिन्
- सर्वसगुण
- सर्वसंगत
- सर्वसङ्गपरित्याग
- सर्वसङ्गा
- सर्वसंग्रह
- सर्वसंज्ञा
- सर्वसत्त्वत्रातृ
- सर्वसत्त्वपापजहन
- सर्वसत्त्वप्रियदर्शन
- सर्वसत्त्वौजोहारी
- सर्वसत्य
- सर्वसंनहन
- सर्वसंनहनार्थक
- सर्वसंनाह
- सर्वसमता
- सर्वसमर्पणस्तोत्र
- सर्वसमास
- सर्वसमाहर
- सर्वसमृद्ध
- सर्वसम्पत्ति
- सर्वसम्पद्
- सर्वसम्पन्न
- सर्वसम्पात
- सर्वसम्प्रदायाभेदसिद्धान्त
- सर्वसम्भव
- सर्वसम्मतशिक्षा
- सर्वसर
- सर्वसस्य
- सर्वसह
- सर्वसाक्षिन्
- सर्वसाद
- सर्वसाधन
- सर्वसाधारण
- सर्वसाधु
- सर्वसामान्य
- सर्वसाम्प्रत
- सर्वसाम्य
- सर्वसाम्राज्यमेधसहस्रनामन्
- सर्वसार
- सर्वसारङ्ग
- सर्वसाह
- सर्वसिद्धा
- सर्वसिद्धान्त
- सर्वसिद्धान्तसंग्रह
- सर्वसिद्धार्थ
- सर्वसिद्धि
- सर्वसुक्ककृत्
- सर्वसुखदुःखनिरभिनन्दिन्
- सर्वसुखाय
- सर्वसुरभि
- सर्वसुलभ
- सर्वसूक्त
- सर्वसूक्ष्म
- सर्वसूत्र
- सर्वसेन
- सर्वसैवर्ण
- सर्वस्त्यकृत्
- सर्वस्तोम
- सर्वस्थानगवाट
- सर्वस्मृत्
- सर्वस्मृति
- सर्वस्मृतिसंग्रह
- सर्वस्व
- सर्वस्वरलक्षण
- सर्वस्वरित
- सर्वस्वर्णमय
- सर्वस्वामिन्
- सर्वस्वाय
- सर्वस्वार
- सर्वस्विन्
- सर्वहत्या
- सर्वहर
- सर्वहरण
- सर्वहरि
- सर्वहर्षकर
- सर्वहायस्
- सर्वहार
- सर्वहारिन्
- सर्वहास्य
- सर्वहित
- सर्वहुत्
- सर्वहुत
- सर्वहुति
- सर्वहृद्
- सर्वहेममय
- सर्वहोम
-
13 शक्तिः _śaktiḥ
शक्तिः f. [शक्-क्तिन्]1 (a) Power, ability, capa- city, strength, energy, prowess; दैवं निहत्य कुरु पौरुषमात्मशक्त्या Pt.1.361; ज्ञाने मौनं क्षमा शक्तौ R.1.22; so यथाशक्ति, स्वशक्ति &c. (b) Faculty, capacity; स्मरण- शक्ति 'retentive faculty or memory'.-2 Regal power; (it has three parts or elements; 1 प्रभुशक्ति or प्रभावशक्ति' the majesty or pre-eminent position of the king himself'; 2 मंत्रशक्ति 'the power of good counsel'; and 3 उत्साहशक्ति 'the power of energy'); राज्यं नाम शक्तित्रयायत्तम् Dk.; त्रिसाधना शक्तिरिवार्थसंचयम् R.3.13;6.33;17.63; Śi.2.26.-3 The power of composition, poetic power or genius; शक्तिर्निपुणता लोकशास्त्रकाव्याद्यवेक्षणात् K.P.1; see explanation ad loc.-4 The active power of a deity, regarded as his wife, female divinity; (these are vari- ously enumerated, 8, 9 or even 5 being mentioned); स जयति परिणद्धः शक्तिभिः शक्तिनाथः Māl.5.1; Ś.7.35.-5 A kind of missile; शक्तिखण्डामर्षतेन गाण्डीविनोक्तम् Ve. 3; ततो विभेद पौलस्त्यः शक्त्या वक्षसि लक्ष्मणम् R.12.77.-6 A spear, dart, pike, lance.-7 (In phil.) The relation of a term to the thing designated.-8 The power inhe- rent in cause to produce its necessary effect.-9 (In Rhet.) The power or signification of a word; (these are three अभिधा, लक्षणा and व्यञ्जना); तिस्रः शब्दस्य शक्तयः S. D.11.-1 The expressive power or denotation of a word (opp. लक्षणा and व्यञ्जना); it is thus defined:-- अस्माच्छब्दादयमर्थो बोद्धव्य इत्याकारको$नादिसंकेतः शक्तिः Tarka. K.-11 The female organ, the counterpart of the Phallus of &Saucte;iva worshipped by a sect of people called Śāktas.-12 A sword.-13 An implement in gambling.-Comp. -अर्धः perspiring and panting through fatigue or exertion.-अपेक्ष, -अपेक्षिन् a. having regard to strength; षाड्गुण्यमुपयुञ्जीत शक्त्यपेक्षो रसायनम् Śi.2.93.-कुण्ठनम् the deadening of a power.-ग्रह a.1 appre- hending the force or meaning.-2 armed with a spear.-(हः) 1 apprehension of the force, meaning, or acceptation of a word.-2 a spearman, lancer.-3 an epithet of Śiva.-4 of Kārtikeya.-ग्राहक a. deter- mining or establishing the meaning of a word. (-कः) epithet of Kārtikeya.-त्रयम् the three constituent elements of regal power; see शक्ति (2) above.-धर a. strong, powerful.-(रः) 1 a spearman.-2 an epithet of Kārtikeya; ततस्तामेव चोत्कृष्य शक्तिं शक्तिधरप्रियः Rām. 7.8.11.-ध्वजः N. of Kārtikeya; शक्तिध्वजशिखरशूलोत्सेधं सौधमागतम् Dk.2.5.-नाथः N. of Śiva; स जयति परिणद्धः शक्तिभिः शक्तिनाथः Māl.5.1.-पर्णः Alstonia Scholaris. (Mar. सातवीण).-पाणिः, -भृत् m.1 a spearman.-2 an epithet of Kārtikeya.-पातः 1 prostration of strength.-2 In Yoga philosophy, a spiritual procedure, by which the preceptor puts his strength (spiritual power) in his pupil.-पूजकः a Śākta q. v.-पूजा the worship of Śakti.-पूर्वः an epithet of Parāśara.-वैकल्यम् loss of strength, debility, incapacity.-हीन a. powerless, weak, impotent.-हेतिकः a lancer, spearman. -
14 horsepower
N1. अश्वशक्तिकिसी भी मशीन एंजिन आदि की शक्ति'horsepower'(अश्वशक्ति) से आँकी जाती है. -
15 अश्व
áṡva1) (2. rarely 3 RV.) m. (1. aṡ Uṇ.) ifc. f. ā, a horse, stallion RV. etc.;
the, horse (in the game of chess);
the number « seven» (that being the number of the horses of the sun);
the archer (in the zodiac) VarBṛ. ;
a particular kind of lover (horse-like in strength) L. ;
N. of a teacher (with the patron. Sāmudri) ṠBr. XIII ;
of a son of Citraka Hariv. 1921 ;
of a Dānava MBh. I, 2532 ;
(ā) f. (gaṇa ajâ̱di q.v.) a mare RV. etc.
+ <Zd. aspa;
Lat. equus;
Gk. ἵππος, etc.>
aṡva2) Nom. P. aṡvati, to behave like a horse Pāṇ. 3-1, 11 Sch. ;
- अश्वकन्दिका
- अश्वकर्ण
- अश्वकर्णक
- अश्वकश
- अश्वकुटी
- अश्वकुणप
- अश्वकेश
- अश्वकोविद
- अश्वक्रन्द
- अश्वक्रीत
- अश्वक्षभा
- अश्वखुर
- अश्वगति
- अश्वगन्धा
- अश्वगुप्त
- अश्वगोयुग
- अश्वगोष्ठ
- अश्वग्रिव
- अश्वघाम
- अश्वघास
- अश्वघोष
- अश्वघ्न
- अश्वचक्र
- अश्वचलनशाला
- अश्वचिकित्सा
- अश्वजघन
- अश्वजित्
- अश्वतीर्थ
- अश्वत्रिरात्र
- अश्वत्व
- अश्वद
- अश्वदंष्ट्रा
- अश्वदा
- अश्वदावन्
- अश्वदूत
- अश्वनदि
- अश्वनाय
- अश्वनाशक
- अश्वनिबन्धिक
- अश्वनिर्णिज्
- अश्वप
- अश्वपति
- अश्वपर्ण
- अश्वपस्त्य
- अश्वपाद
- अश्वपाल
- अश्वपुच्छक
- अश्वपृष्ठ
- अश्वपेज
- अश्वपेय
- अश्वपेशस्
- अश्वप्रणीत
- अश्वप्रपतन
- अश्वबन्ध
- अश्वबन्धक
- अश्वबन्धन
- अश्वबला
- अश्वबाहु
- अश्वबुध्न
- अश्वबुध्य
- अश्वभार
- अश्वमन्दुरा
- अश्वमहिषिका
- अश्वमार
- अश्वमारक
- अश्वमाल
- अश्वमित्र
- अश्वमिष्टि
- अश्वमुख
- अश्वमेध
- अश्वमेधक
- अश्वमेधिक
- अश्वमेधिन्
- अश्वमेधीय
- अश्वमोहक
- अश्वयज्ञ
- अश्वयुज्
- अश्वयुज
- अश्वयूप
- अश्वयोग
- अश्वरक्ष
- अश्वरथ
- अश्वराज
- अश्वराधस्
- अश्वरिपु
- अश्वरोधक
- अश्वललित
- अश्वलाला
- अश्वलोमन्
- अश्ववक्त्र
- अश्ववडव
- अश्ववत्
- अश्ववदन
- अश्ववह
- अश्ववार
- अश्ववारक
- अश्ववारन
- अश्ववाल
- अश्ववाह
- अश्वविक्रयिन्
- अश्वविद्
- अश्ववृष
- अश्ववैद्य
- अश्वव्रत
- अश्वशक
- अश्वशकृत्
- अश्वसङ्कु
- अश्वशत्रु
- अश्वशफ
- अश्वशाखोट
- अश्वशाला
- अश्वशाव
- अश्वशास्त्र
- अश्वशिरस्
- अश्वशीर्ष
- अश्वश्चन्द्र
- अश्वषड्गव
- अश्वषा
- अश्वसनि
- अश्वसा
- अश्वसाद
- अश्वसादिन्
- अश्वसारथ्य
- अश्वसुक्त
- अश्वसूक्तिन्
- अश्वसूत्र
- अश्वसूनृत
- अश्वसृगालिका
- अश्वसेन
- अश्वस्तोमीय
- अश्वस्थान
- अश्वहन
- अश्वहनु
- अश्वहन्तृ
- अश्वहय
- अश्वहविस्
- अश्वहारक
- अश्वहृदय
- अश्वाक्ष
- अश्वाजनी
- अश्वादि
- अश्वाधिक
- अश्वाध्यक्ष
- अश्वानीक
- अश्वन्तक
- अश्वाभिधानी
- अश्वामघ
- अश्वायुर्वेद
- अश्वायुस्
- अश्वारि
- अश्वारुढ
- अश्वारोह
- अश्वावत्
- अश्वावतान
- अश्वावरोहक
- अश्वावरोहिका
- अश्वेषित
- अश्वोरस
-
16 वश
váṡa1) m. will, wish, desire RV. etc. etc. ( alsoᅠ pl. váṡānánu orᅠ ánuváṡa, « according to wish orᅠ will, at pleasure»);
authority, power, control, dominion (in AV. personified) ib. (acc. with verbs of going e.g.. with i, anu-i, gam, ā-gam, ya, ā-pad, ā-sthā etc., « to fall into a person's <gen.> power, become subject orᅠ give way to» ;
acc. with nī, ā-nī andᅠ pra-yuj, orᅠ loc. with kṛi, labh orᅠ Caus. of sthā orᅠ saṉ-sthā, « to reduce to subjection, subdue» ;
loc. with bhū, vṛit, sthā andᅠ saṉ-sthā, « to be in a person's <gen.> power» ;
vaṡena, - ṡāt, andᅠ - ṡa-taḥ, with gen. orᅠ ifc., « by command of, by force of, on account of, by means of, according to»);
birth, origin L. ;
a brothel L. (cf. veṡa);
Carissa Carandas L. ;
the son of a Vaiṡya andᅠ a Karaṇī L. ;
N. of a Ṛishi preserved by the Aṡvins RV. ;
(with aṡvya) of the supposed author of RV. VIII, 46 (in ṠBr. etc. alsoᅠ of this hymn itself);
= vālmīki Gal.;
pl. N. of a people AitBr. MBh. ;
(ā) f. seeᅠ below;
mf (ā)n. willing, submissive, obedient, subject to orᅠ dependent on (gen.) Kathās. BhP. Pañcat. ;
docile L. ;
free, licentious L. ;
vaṡa2) n. (cf. vasā) liquid fat, grease AV. AitBr. Kāṭh. ;
- वशंवद
- वशकर
- वशकारक
- वशक्रिया
- वशग
- वशगत
- वशगमन
- वशगामिन्
- वशंकर
- वशंकृत
- वशंगत
- वशंगम
- वशतस्
- वशता
- वशत्व
- वशनी
- वशवर्तिन्
- वशस्थ
-
17 अपि _api
अपि ind. (Sometimes with the अ dropped according to the opinion of Bhāguri; वष्टि भागुरिरल्लोपमवाप्योरुपसर्गयोः; पिधा, पिधान &c.)1 (Used with roots and nouns in the sense of) Placing near or over, taking towards, uniting with; reaching or going up to, proximity, nearness &c. [cf. Gr. epi, Zend api, Germ. and Eng. be]. (Note:- अपि, as a prefix to roots, occurs mostly in Veda, its place being taken by अभि in classical literature).-2 (As a separable adverb or conjunction) And, also, too, moreover, besides, in addition, having a cumulative force (समुच्चय); अस्ति मे सोदरस्नेहो$प्येतेषु; Ś.1 on one's part, in one's turn; विष्णुशर्मणा$पि राजपुत्राः पाठिताः Pt.1; राजा$पि मुनिवाक्यमङ्गीकृत्यातिष्ठत् Dk.2; अपि-अपि or अपि च as well as, and also; अपि स्तुहि, अपि सिञ्च P.I.4.46 Sk., न नापि-न चैव, न वा$पि, नापि वा चापि neither-nor; न चापि काव्यं नवमित्यवद्यम् M.1.2 nor; वा$पि or; अल्पो$प्येवं महान् वा$पि Ms.3.53 whether small or great.-3 It is often used to express emphasis in the sense of 'too', 'even', 'very'; विधुरपि विधियोगाद् ग्रस्यते राहुणा$सौ H.1.19 the very moon; यूयमप्यनेन कर्मणा परिश्रान्ताः Ś.1 even you, you also; अन्यदपि also another; अद्यापि even, yet, still, even now; इदानीमपि even now; मुहूर्तमपि even for a moment, for one moment at least; नाद्यापि not yet; यद्यपि though, although, even if; तथापि still, यद्यपि बहु नाधीषे तथापि पठ पुत्र व्याकरणम्; nevertheless, notwithstanding, yet; sometimes यद्यपि is understood, तथा$पि only being used; as in भवादृशेषु प्रमदाजनोदितं भवत्यधिक्षेप इवानुशासनम् । तथा$पि वक्तुं व्यवसाययन्ति मां निरस्तनारीसमया दुराधयः Ki 1.28.-4 Though (oft. translatable by 'even', 'even if'); सरसिजमनुविद्धं शैवलेनापि रम्यम् Ś.1.2 though over-spread &c.; इयमधिकमनोज्ञा वल्कलेनापि तन्वी ibid. though in her bark dress; बलवदपि शिक्षितानाम् 1.2 though ever so learned. In this sense अपि is most frequently used by writers to show real or imaginary opposition (विरोध); कृष्णमपि असुदर्शनम्, पुष्पवत्यपि पवित्रा &c.-5 But however.-6 Used at the beginning of sen- tences अपि introduces a question; अपि सन्निहितो$त्र कुलपतिः Ś.i; अपि क्रियार्थं सुलभं समित्कुशं...अपि स्वशक्त्या तपसि प्रवर्तसे Ku.5.33,34,35; अप्यग्रणीर्मन्त्रकृतामृषीणां कुशाग्रबुद्धे कुशली गुरुस्ते R.5.4.-7 Hope, expectation (usually with the potential mood); कृतं रामसदृशं कर्म । अपि जीवेत्स ब्राह्मणशिशुः U.2 I hope the Brāhmaṇa boy comes to life. Note-- In this sense अपि is frequently used with नाम and has the sense of (a) 'is it likely', 'may it be'; (b) 'perhaps', 'in all probabi- lity' or (c) 'would that', 'I wish or hope that'; अपि नाम कुलपतेरियमसवर्णक्षेत्रसंभवा स्यात् Ś.1; Ś.7; तदपि नाम मनागवतीर्णो$सि रतिरमणबाणगोचरम् Māl.1 perhaps, in all probability; अपि नाम तयोः कल्याणिनोः अभिमतः पाणिग्रहः स्यात् ibid.; अपि नाम रामभद्रः पुनरपीदं वनमलङ्कुर्यात् U.2; 'is it likely', 'I wish'; यथा वनज्योत्स्नानुरूपेण पादपेन संगता अपि नाम एवमहमप्यात्मनो$नुरूपं वरं लभेयेति Ś.1 would that; अपि नामाहं पुरूरवा भवेयम् V.2 I wish I were P.-8 Affixed to inter- rogative words, अपि makes the sense indefinite, 'any', 'some'; को$पि some one; कीमपि something; कुत्रापि some- where; कदा$पि at any time; कथमपि any how &c. के$पि एते प्रवयसः त्वां दिदृक्षवः U.4 some people. It may often be translated by 'unknown', 'indescribable', 'inexpres- sible' (अनिर्वाच्य); व्यतिषजति पदार्थानान्तरः को$पि हेतुः U.6.12. तत्तस्य किमपि द्रव्यं यो हि यस्य प्रियो जनः 2.19; Mu.3.22; K.143; को$पि महिमा स्यात् U.6,6.11,7.12; Māl.1.26; R.1.46.-9 After words expressing number, अपि has the sense of 'totality', 'all'; चतुर्णामपि वर्णानाम् of all the 4 castes; सर्वैरपि राज्ञां प्रयोजनम् Pt.1.-1 It sometimes ex- presses 'doubt' or 'uncertainty', 'fear' (शङ्का); अपि चोरो भवेत् G. M. there is perhaps a thief.-11 (with pot. mood) It has the sense of संभावना 'possibility', 'sup- position'; P.I.4.96;III.3.154; अपि स्तुयाद्विष्णुम्, अपि स्तुयाद्राजानम्, अपि गिरिं शिरसा भिन्द्यात् Sk.; सो$यमपि सिञ्चेत्सहस्रं द्राक्षाणां क्षणेनैकेन Dk.127.-12 Contempt, censure, or re- proof; P.I.4.96,III.3.142; धिग्देवदत्तमपि स्तुयाद् वृषलम्; धिग्जाल्मं देवदत्तमपि सिञ्चेत् पलाण्डुम्; अपि जायां त्यजसि जातु गणिका- माधत्से गर्हितमेतत् Sk. shame to &c. or fie upon, Deva- datta &c.-13 It is also used with the Imperative mood to mark 'indifference on the part of the speaker', where he permits another to do as he likes, (अन्ववसर्ग or काम- चारानुज्ञा, the imperative being softened;) अपि स्तुहि Sk. you may praise (if you like); अपि स्तुह्यपि सेधा$स्मांस्तथ्यमुक्तं नराशन Bk.8.92.-14 अपि is sometimes used as a particle of exclamation,-15 Rarely in the sense of 'there- fore', 'hence' (अत एव).-16 Used as a separable preposition with gen. it is said to express the sense of a word understood (पदार्थ), and is treated as a कर्म- प्रवचनीय P.I.4.96; the example usually given is सर्पि- षो$पि स्यात् where some word like बिन्दुरपि 'a drop,' 'a little' &c. has to be understood, 'there may perhaps be a drop of ghee', 'I presume there may be at least a drop' &c. अपि संभावनाप्रश्नशङ्कागर्हासमुच्चये । तथायुक्तपदार्थेषु कामचारक्रियासु च ॥ Viśva.; अपिः पदार्थसंभावनान्ववसर्गगर्हासमुच्चयेषु P.I.4.96. G. M. adds the sense of आशिस् 'blessing' (भद्रमपि), मृति 'death' (मरणमपि) and भूषा 'decoration' (अपि नह्यति हारं). cf. also...अपिः प्रश्नविरोधयोः । संभावनायां गर्हायां समुच्चयवितर्कयोः । Nm. -
18 अविक्षिप _avikṣipa
अविक्षिप a. [आक्रोशे च अच्कावशक्तौ P.VI.2.157-8.] Unable to distribute or dispense (आक्रोशार्थे), (विक्षेप्तुं न शक्तः or यो न विक्षिपति); not distributing or badly distributing. -
19 आकृष्टिः _ākṛṣṭiḥ
आकृष्टिः f.1 Attraction (in general).-2 Attrac- tion, gravitation (in astr.); आकृष्टिशक्तिश्च मही तया यत् खस्थं गुरु स्वाभिमुखं स्वशक्त्या । आकृष्यते तत्पततीव भाति समे समन्तात् क्व पतत्वियं खे ॥ Golādh.1.-3 Drawing or bending of a bow; ज्या˚ Amaru.1.-4 (Tantric texts) Attracting an absent person by a magic formula.-Comp. -मन्त्रः an incantation by which another person is attracted; आकृष्टिमन्त्रोपमम् H.1.93. -
20 उपचयः _upacayḥ
उपचयः 1 Accumulation, addition, accession; येन मूर्तीनामुपचयापचयाश्च लक्ष्यन्ते तं कालमाहुः Mbh. on II.2.5.-2 Increase, growth, excess; बल˚ K.15; स्वशक्त्युपचये Śi.2.57; अम्भसामुपचयाय 9.32; भाग्य˚ Ratn.1.6 dawn of good fortune; so ज्ञान˚, मांस˚.-3 Quantity, heap.-4 Prosperity, elevation, rise. शिवस्योपचयं वीक्ष्य तथापचय- मात्मनः । Śiva B.25.32.-5 The third, sixth, tenth and eleventh house or position from the first of a zodiacal sign (or a lagna q. v.).-Comp. -अपचय (du.) rise and fall, prosperity and decay.-भवनम् a species of the Daṇḍaka metre.
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См. также в других словарях:
váṡa-kāraka — वशकारक … Indonesian dictionary
váṡa-kriyā — वशक्रिया … Indonesian dictionary
vaṡakā — वशका … Indonesian dictionary
Mimāṃsā — Part of a series on Hindu philosophy … Wikipedia
áṡva-ṡaká — अश्वशक … Indonesian dictionary
áṡva-ṡakṛit — अश्वशकृत् … Indonesian dictionary
devá-ṡakti — देवशक्ति … Indonesian dictionary
sárva-ṡak — सर्वशक् … Indonesian dictionary
sárva-ṡakti — सर्वशक्ति … Indonesian dictionary
sárva-ṡakti-vat — सर्वशक्तिवत् … Indonesian dictionary
sva-ṡakti — स्वशक्ति … Indonesian dictionary